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रेवाड़ी में प्री मानसून की बारिश के बाद गर्मी से  मिली राहत। 

ब्रास मार्किट सहित कई इलाकों में जलभराव की समस्या ने प्रशासन के दावों की खोली पोल ।

रेवाड़ी। दिल्ली NCR में बीती शाम हुई प्री मानसून की झमाझम बारिश से मौसम सुहावना हो गया। रेवाड़ी में बुधवार शाम हुई बारिश के कारण लोगो को गर्मी से राहत मिली। रेवाड़ी में प्री मानसून की बारिश राहत के साथ-साथ आफत भी लेकर आई। बारिश के कारण जहां मौसम खुशनुमा हो गया वहीं जगह जलभराव की समस्या भी देखने को मिली। बारिश की बाद हुए जलभराव ने प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल कर रख दी। रेवाड़ी शहर की ब्रास मार्किट सहित कई जगहों पर जलभराव की समस्या देखने को मिली। 

जल निकासी के उचित प्रबंध नहीं होने के कारण ब्रास मार्किट में हल्की बारिश के बाद ही जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ब्रॉस मार्केट की सबसे बड़ी समस्या बारिश के बाद जलभराव की है। इससे व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान होते हैं। वॉटर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त ना होने की वजह से पानी की निकासी नहीं हो रही है। जिसके चलते ब्रास मार्केट तालाब का रूप ले चुकी है। ब्रास मार्केट में ब्रांडेड कंपनियों के शो रूम, कोचिंग सेंटर, अस्पताल, रेडिमेड स्टोर व काफी बैंकों चल रहे हैं। बावजूद इसके यहां सुविधाए ना के बराबर है। यहां थोड़ी सी बारिश में ही जल भराव की समस्या पैदा हो जाती है। दुकानदारों को चिंता सता रही है कि प्री मानसून में यह हाल है तो आगे मानसून की बारिश होगी तो क्या हाल होगा। दुकानदार रवि सैनी, सुमित, दिलीप अरोड़ा, नीरज गुप्ता तथा विक्रम आदि का कहना है कि पानी की निकासी ना होने की वजह से यहां जलभराव रहता है और थोड़ी सी बारिश होने के बाद ही पूरी मार्केट तालाब में तब्दील हो जाती है। जिसके चलते ग्राहकों का आना जाना नहीं होता और दुकानदारी पर असर पड़ता है।

स्थानीय दुकनदारों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि मार्केट के पानी की निकासी के लिए सीवर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि जलभराव की स्थिति ना बन पाए। यह पॉश इलाका है, मगर यहां सुविधाएं तीसरी श्रेणी की भी नहीं हैं। हर साल बरसात के दिनों में जर्जर सड़कों पर जलभराव होता है। जल जमाव के कारण सड़कों के गड्ढे दिखाई नहीं देते और दो पहिया वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ब्रास मार्किट के लिए हल्की बारिश भी यहां जलभराव की स्थिति पैदा कर देती है। प्रशासन को यहां जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में ध्यान देना चाहिए। अब देखना होगा कि प्रशासन लोगों की तकलीफ को समझते हुए जलभराव की निकासी के लिए कोई उचित बंदोबस्त कर पाएगा या फिर हर साल मानसून की बारिश की तरह इस बारिश में भी लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ेगा। 

 

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